Author : Dakhad Farukhabadi
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 36Page
Language : Hindi
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हिन्दी साहित्य जगत में बाल साहित्य का महत्वपूर्ण स्थान है। बाल साहित्यकारों का लक्ष्य मनोरंजन एवं बाल मनोविज्ञान का चित्रण करना है। बाल कवि बच्चों के मन को पढ़कर जो कविता लिखेगा वास्तव में वह बालोपयोगी होगी। बाल साहित्य लिखना बहुत ही दुष्कर कार्य है। बाल मनोविज्ञान का जो समुचित ज्ञान रखते हैं, वे लोग ही उपयोगी बाल साहित्य का सृजन कर सकते हैं । सुरेश चन्द्र दुबे उर्फ ‘धक्कड़ फर्रूखाबादी’ मूलतः हास्य व्यंग्य के कवि हैं। बाल साहित्य के सृजन हेतु उनका प्रयास सराहनीय है। प्रस्तुत संकलन में कवि ने बच्चों के मनोभावों को पढ़कर लिखने का प्रयास किया है। नई पीढ़ी को संस्कार देने का उत्तरदायित्व बाल साहित्यकारों का है। बाल साहित्य केवल मनोरंजन हेतु न हो अपितु उससे बालकों को अच्छे संस्कार मिल सके। यही उसकी सार्थकता है। कवि के इस संकलन में कला पक्ष और भाव पक्ष दोनों का समन्वय देखने को मिलता है। भाषा सहज एवं सरल है। अपनी कविताओं के माध्यम से कवि ने बच्चों को जीवन के विविध क्षेत्रों से परिचित कराने का प्रयास किया है। मेरा विश्वास है कि बाल कविताओं का यह संकलन बच्चों के मन पर अपना प्रभाव डालने में सफल सिद्ध होगा । भाई ‘धक्कड़’ जी बाल साहित्य जगत में भी अपना स्थान बनायें । मेरी शुभकामनायें उनके साथ है। -हलचल हरियाणवी
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 93-84312-53-3 |
Number of Pages | 36 |
Publication Year | 2015 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-84312-53-4 |
Binding | Paperback |
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