Author : Sarvesh Nagraha
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 64Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 100
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‘गागर में सागर’ भरा है इस पुस्तक में नवोदित कवि ने....चन्द पंक्तियों में अपनी सारी बात कह डाली है । कलापक्ष प्रभावी और भावपक्ष आम आदमी के जेहन में आसानी से घर कर जाने वाला है । जिस कारण पुस्तक की उपयोगिता बढ़ जाती है । प्रस्तुत काव्य संग्रह ‘रूद्रला सपनो की जंग’ जिस प्रकार उभरते कवि ‘सर्वेश नगरहा’ की प्रथम काव्य पुस्तक है, उस हिसाब से रचनाएं उत्तम हैं और पाठकों की कसौटी पर खरा उतरेंगी ऐसी मेरी आशा है । अच्छा साहित्य आम आदमी की समझ में आ जाये वही है । जटिल शब्दों का प्रयोग बहुत से साहित्यकार करते हैं और अपने आप को महान कवि की संज्ञा दे डालते हैं ये सत्य नहीं है । अच्छा साहित्य वही है जो समाज का भला करे, व्यक्ति की परिभाषा बतलाये, भावनाओं के महत्व को परिभाषित करे । काव्य के माध्यम से समाज की विसंगतियों का खात्मा करने का प्रयास करे । ये सभी बातें इस काव्य संग्रह में किसी न किसी रूप में कवि ने प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जो प्रशंसनीय है । कवि के उज्ज्वल साहित्यिक भविष्य की मंगलकामनाओं के साथ इस पुस्तक की सफलता की प्रार्थना माँ वीणापाणि से करता हूँ । ईश्वर चन्द गम्भीर प्रदेश अध्यक्षः हिन्दी सेवा समिति उत्तर प्रदेश
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-93-84312-81-7 |
Number of Pages | 64 |
Publication Year | 2016 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-84312-81-7 |
Binding | Paperback |
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