Author : Satyendra Gupta
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 100Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 100
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प्रस्तुत पुस्तक में सभी रचनाएं उत्तम कोटि की हैं जहां एक ओर मुक्त रचनाएं भाव-विभोर कर देने वाली हैं वहीं, ग़ज़लों का भाव पक्ष सुदृढ़ है जो अपने ध्येय को सफल करता है । खासतौर पर इस पुस्तक में लगभग सभी ग़ज़लों का अपना अलग-अलग उद्देश्य है, प्रकृति है, जो सुधी पाठक को तृप्त करने में सफल सिद्ध होकर रहेंगी । काव्य क्या है ? यह ऐसा प्रश्न है जो मन में सौन्दर्यानुभूति का भान कराता है । आदिकाल से काव्य का सृजन व्यक्ति की साहित्य के प्रति रूचि जाग्रत करने के लिए किया जाता रहा है । एक ओर जहां सुर, तुलसी का भक्तिकाव्य समाज को सगुण भक्ति का संदेश देता रहा है, वहीं दूसरी ओर निर्गुण शाखा के कवि कबीरदास का साहित्य है, जो समाज सुधार में अपनी अग्रणी भूमिका निर्वाह करता रहा है । वर्तमान में काव्य का स्वरूप कुछ इतर है, मन के भावों को ज्यों का त्यों कागज पर उकेरना मुक्त काव्य की श्रेणी में रखा जाने लगा है, मुक्त काव्य की मुख्य विशेषता यही है कि काव्य की छंदोबद्धता से इसे कोई सरोकार नहीं है, किन्तु वैचारिक एवं आत्मीय अभिव्यक्ति इसमें मुखर होती है । ग़ज़ल साहित्य आरम्भ से ही आत्माभिव्यक्ति का बोध कराता आ रहा है । जिसका अपना अलग ही महत्व है और ग़ज़लों का पाठक वर्ग बिलकुल अलग होता है ।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-431285-1 |
Number of Pages | 100 |
Publication Year | 2016 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-9-38-431285-5 |
Binding | Paperback |
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