Author : Jaymala Deolal
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 80Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 100
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कविताओं से प्रेम मुझे बचपन से ही रहा है लिखने का शौक कब लगा ठीक-ठीक याद नहीं, किंतु दूरदर्शन में प्रसारित होने वाली काव्य गोष्ठियों को देख सुनकर खुद भी लिखने लगी। सबसे पहले मैंने एक हास्य कविता लिखी, इतना अवश्य याद है। फिर जीवन के संघर्ष में सब कुछ छूट सा गया, खुद को स्थापित कर जब ध्यान इस खूबसूरत दुनिया की ओर गया तो लिखने से खुद को रोक न सकी, फिर मेरी कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगी पाठको की सराहना मिलने लगी तो क्रम जारी रहा जिनको ‘चैराहे सी ज़िन्दगी’ के रुप में आपके सामने ला रही हूँ। यूँ तो मैंने हर विषय पर कविताए लिखी, एक अध्यापिका होने के नाते बाल कविताएँ मेरा प्रमुख विषय रहा है, किन्तु इस संग्रह मे मेरी कविताओं का प्रमुख बिन्दु प्रकृति और प्रेम है क्योंकि जीवन मंे मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया प्रकृति ने। रिश्तों के ताने-बानांे ने, पे्रम की सुखद अनुभूति ने और कुछ समस्याओं व उनके समाधान ने भी मेरे भावों को पिरोने में मेरी सहायता की, खुद ही उलझती रही खुद ही सुलझती रही, लिखती रही, संजोती रही। चाहे मुनस्यारी की खुबसूरत पहाड़ियाँ हांे, नदियाँ हों, जंगल हो या समाज में घटने वाली घटनाएँ, इन्हीं की तस्वीर पाठकों को नजर आयेगी मेरी कविताआंे में। आज अपार हर्ष हो रहा है कि एक पुस्तक के रुप में इस संकलन को मैं आपके सामने ला पा रही हूँ , यदि दुनिया के प्रति मेरा दृष्टिकोण सकारात्मक रहेगा तो निश्चित रुप से फिर से आप लोग मेरी रचनाएं पढें़गे। मेरी कविताओं को पढ़कर यदि, समाज को कोई सन्देश मिल सके, जीवन को समझने का सूत्र मिल सके तो मैं स्वयं को भाग्यशाली मानूंगी। डाॅ. परमानंद चैबे जी ने मेरे कविता संग्रह के विषय में अपनी जो टिप्पणी दी है उससे मेरी कविताओं की भाव-भूमि को समझने में सहायता मिल सकती है। कवि ललित शौर्य भी आगे मेरी कविताओं पर चर्चा करेंगे जिससे कवितायें पाठकों के लिए और सहज हो जायेंगी, ऐसा मेरा विश्वास है। इन कविताओं को पुस्तक का रुप देने में प्रत्यक्ष व परोक्ष रुप से सहयोग करने वालेे मेरे सभी शुभचिंतकों का मैं आभार व्यक्त करती हँू, जिन्हांेने मेरी रचनाओं को पठनीय समझा व संकलन को प्रकाशित करने में मेरी सहायता की। मैं अपने सभी मित्रांे, सहकर्मियों व परिवार के सदस्यों की भी आभारी हूँ जिन्होंने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। मेरा यह कविता संग्रह ‘चैराहे सी ज़िन्दगी’ समर्पित है प्रकृति व प्रकृति के अनुपम उपहार प्रेम को। जयमाला देवलाल
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-431274-6 |
Number of Pages | 80 |
Publication Year | 2016 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 9789384312749 |
Binding | Paperback |
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