Author : Minakshi Sukumaran
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 96Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 150
Selling Price
(Free delivery)
मीनाक्षी सुकुमारन का आत्मलेखन जहां एक ओर मन की भावुक प्रवृत्ति को उजागर करता है वहीं समाजोत्थान में अपनी सहभागिता प्रकट करता है। उनके लिए समाज सर्वोपरि है, मनुष्यता सर्वोपरि है। जो उनकी पुस्तक ‘भाव-सरिता’ में स्पष्ट दिखलायी दे रहा है। उनकी कई रचनाओं में स्त्री दर्द भी कूट-कूट कर भरा है। राष्ट्र और समाज के सम्मुख वह किसी अन्य विचारधारा को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, सच्चे रचनाकार की यही पहचान है कि वह संकीर्ण एवं स्वार्थी विचारधाराओं का विरोध करते हुए निष्पक्ष एवं राष्ट्रीय भावों से ओत-प्रोत चिंतन करे । मीनाक्षी जी की अनेक रचनाएं मानवीय मूल्य निभाने में भी समर्थ प्रतीत होती हैं । इनका प्रस्तुत काव्य संग्रह ‘भाव-सरिता’ ऐसी ही रचनाओं से समृद्ध है । इन रचनाओं में उनके भाव अति उत्तम एवं सन्देश परक हैं । इनका रचनापाठ भी उत्तम कोटि का होता है । ओज इनकी वाणी में स्पष्ट झलकता है । प्रस्तुत काव्य संग्रह मीनाक्षी जी की अनुभूतियों से जनमानस को अवगत कराये, यही कामना है । इस काव्य संग्रह को काव्य जगत में यथोचित सम्मान मिले, यही कामना है ।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-93-84312-68-8 |
Number of Pages | 96 |
Publication Year | 2016 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-84312-68-8 |
Binding | hardcover |
© Copyrights 2013-2025. All Rights Reserved Uttkarsh Prakashan
Designed By: Uttkarsh Prakashan