Author : Rajeev Rasdhar
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 72Page
Language : Hindi
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‘‘दोहों का दान तुम्हें अर्पित’’ में रसधर का आध्यात्मिक चिन्तन भी दिखायी दिया है। यह कृति प्राण कल्पना से ओत-प्रोत है। मानव जीवन में जहाँ एक ओर किसी अदृश्य तृप्ति के लिए प्यास एक चुनौती है और वहीं दूसरी ओर मोह के हाथों क्षण-क्षण वह क्षीण होता है। इन्होंने अपने दोहों में वही दर्शाया है कि मानव समाज की बहुरंगी लपटों में घिरा है। वह एक सामाजिक प्राणी है। जीवन में कभी-कभी घटनाओं का पूर्णाभास ही तो प्रवृत्ति से निवृत्ति की ओर ले जाता है। प्रिय रसधर जी के दोहों में अनागत भविष्य की संभाव्य घटनाओं का द्वार खोलने में समर्थ शक्ति निहित है।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-728934-6 |
Number of Pages | 72 |
Publication Year | 2017 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-9-38-728934-5 |
Binding | hard cover |
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