Author : Sushil Kumar Sharma
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 120Page
Language : Hindi
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सुशील जी के हाइकु पारम्परिक मनुष्य के परिवेश, पर्यावरण और प्रकृति पर केंद्रित हैं । सुशील जी ने हाइकु को ध्यान की एक विधि के रूप में देखा है जिससे इनके हाइकु स्वानुभूतिमूलक व्यक्तिनिष्ठ विश्लेषण या निर्णय आरोपित किये बिना वास्तविक वस्तुपरक छवि को सम्प्रेषित करते प्रतीत होते हैं । हाइकुकार किसी घटना को साक्षीभाव (तटस्थता) से देखता है और अपनी आत्मानुभूति शब्दों में ढालकर अन्यों तक पहुँचाता है । हाइकु-लेखन वस्तुनिष्ठ अनुभव के पलों का अभिव्यक्तिकरण है, न कि उन घटनाओं का आत्मपरक या व्यक्तिपरक विश्लेषण या व्याख्या । हाइकु लेखन के माध्यम से पाठक/श्रोता को घटित का वास्तविक साक्षात कराना अभिप्रेत है न कि यह बताना कि घटना से आपके मन में क्या भावनाएं उत्पन्न हुईं । सुशील जी ने इन पलों को अपने काव्य में समेटकर उन्हें कालातीत बना दिया है। सुशील जी का यह हाइकु संग्रह ‘अन्तध्र्वनि’ आने वाले समय का एक महत्वपूर्ण साहित्यिक दस्तावेज है।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-728970-2 |
Number of Pages | 120 |
Publication Year | 2018 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-87289-70-3 |
Binding | hardcover |
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