Author : Dr Subodh Garg
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 112Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 150
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इस पुस्तक की उपयोगिता के सम्बन्ध में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि यह 1857 की क्रांति पर एक उपयोगी ऐतिहासिक पुस्तक है। विशेष रूप से मेरठ की घटनाओं के संबंध में इसको एक इतिहास तथा ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में देखा जा सकता है। पिछले एक दशक में 1857 की क्रांति के विषय में देश के अलग-अलग भागों में काफी कुछ लिखा गया है। पुस्तक की संरचना का मूल उद्देश्य सरल एवं सुबोध भाषा तथा बोधगम्य शैली में क्रांति जैसे गंभीर विषय का विवेचन करना है। 1857 की क्रांति की रूप रेखा पाठकों के सम्मुख मूल स्रोतों एवं इतिहासकारों के विवेचनों एवं गवेषणाओं के आधार पर इस पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत की। पुनः यह पुस्तक उन सामान्य पाठकों को दृष्टि में रखकर तैयार की गई जो सक्षेप में क्रांति की घटनाओं को समझना चाहते हैं। लेखक ने अपनी सीमा में रहकर क्रांति के विभिन्न चरणों और पहलुओं को उजागर करने का सफल प्रयास किया है। हिन्दुस्तान की धरती उर्वरी रही है और इसके आंचल में हमेशा से भारत माँ के वीर सपूतों की फौज रही हैं जब भी माँ ने पुकारा है इसके लाल जान हथेली पर लेकर सिर पर कफन बांध निकल पड़े हैं। मैं निःसंदेह यह कह सकता हूँ कि मयराष्ट्र (मेरठ) इसमें हमेशा अग्रणी रहा है। 1857 की क्रांति से लेकर देश की स्वतंत्रता या उसके आगे निरन्तर अपनी अहम भूमिका निभाता रहा है और आगे भी अपनी गति से गतिमान है।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-728998-2 |
Number of Pages | 112 |
Publication Year | 2018 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-87289-98-7 |
Binding | HardBound |
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