Uttkarsh Prakashan

Naari Beti Bachao Beti Padhao 1


Naari Beti Bachao Beti Padhao 1

Naari Beti Bachao Beti Padhao 1(paperback)

Author : Jaihind Prashar
Publisher : Uttkarsh Prakashan

Length : 96Page
Language : Hindi

List Price: Rs. 150

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नारी वैदिक काल से पूजनीय रही हैं। अनसुय्या, सुलोचना, गार्गी और मैयत्री हमारे राष्ट्र की गौरवशाली विशेषता रही हैं। फिर दुर्गावती, चैनम्मा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई इन सभी नारियों ने राष्ट्र की रक्षा व निर्माण में योगदान दिया। आधुनिक भारत की नारियों में सुभद्रा कुमारी चैहान, सरोजनी नायडु, सुचेता कृपलानी,कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स । इन नारियों ने राष्ट्र को सम्मान भी दिलाया और जनता ने आत्मिक स्नेह व सम्मान दिया । अब समय के साथ भागीदारी व जिम्मेदारी भी बदलती चली गई। पहले चैका-चूल्हा, तुलसी व सूर्य को जल पूजा अर्चना फिर भोजन बनाकर खिलाना। धीरे-धीरे भारतीय नारी आधुनिकता की दौड़ में शामिल हो गई, हर क्षेत्र में दिन हो या रात नौकरी के लिए दौड़ भाग करने लगी। अच्छा जीवन जीने के लिए अर्थ की आवश्यकता होती है। अपना स्तर भी बढाने लगी हैं। लेकिन तब से तेरा मेरा हो गया परिवार का विघटन होने लगा। वैवाहिक रिश्ते दरकने लगे। एक माह या एक वर्ष में जन्म-जन्म के रिश्ते खिलौनों की तरह टूटने लगे। आज सारे देश में लगभग 10,0000 मुकदमें वैवाहिक मनमुटाव के हैं। जिससे दोनों परिवार के लोग सालों तक झूठे अहम के कारण लड़ते रहते हैं। अब यह देखने में आ रहा है और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 95% मुकदमे में लड़कियों के आरोप गलत पाये गये। कई वर्षों तक बुजुर्ग माता-पिता अदालत के चक्कर काटते-काटते मर गये। हमें संस्कृति बचानी होगी, बालक-बालिकाओ को सामाजिक बंधन का मतलब समझाना होगा। मर्यादाओ में ही हम राष्ट्र को सम्मान दिला सकते हैं। बेटी पढाओ, बेटी बचाओ की सार्थकता संस्कृति बचाओ के साथ ही है ।

Specifications of Naari Beti Bachao Beti Padhao 1 (Paperback)

BOOK DETAILS

PublisherUttkarsh Prakashan
ISBN-109-38-815552-1
Number of Pages96
Publication Year2019
LanguageHindi
ISBN-13978-93-88-88155-52-6
Bindingpaperback

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