Author : Dr Pramod Kumar Shrotriya
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 280Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 300
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समाज की एक उपेक्षित असहाय महिला की सामाजिक परिवेश द्वारा दी गई यन्त्रणाओं के इर्द-गिर्द घूमती है पुनर्वास कथा। उसके पति का निधन होने के बाद जिन्होंने उसे सहारा देने का आश्वासन दिया वही उसके लिए शोषण में सहायता करता है, समाज से जब कोई मदद नहीं मिलती तो नायिका धनुली क्या करे, ऐसे समाज में रहकर, वह चल देती है चुपचाप, जहाँ शान्तिपूर्वक दो रोटी अपनी मेहनत से कमा कर खा सकेगी। जब न तो उसकी जमीन ही रही न ही उसका कोई हितैषी तो उसका मोह भंग हो जाता है, परन्तु समाज में इन्सानियत बिल्कुल मर नहीं गई है, अधिकारों के लिए संघर्ष करने वालों की जीत होती है और धनुली को उसका नैतिक अधिकार देने के लिए मोहन सिंह की आत्मा भी चीख उठती है, एक प्रकार से शोषक और शोषितों की नैतिक लड़ाई है यह उपन्यास।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-815582-3 |
Number of Pages | 280 |
Publication Year | 2019 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-88155-82-3 |
Binding | paperback |
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