Author : Late. Kavi Bhagirath And Rachana Uniyal
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 120Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 150
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राष्ट्रीय चेतना बोध और मातृभूमि के प्रति विद्वान कवि स्व. भागीरथ काले की विचारधारा का केन्द्र बिन्दु सहज ही इस पुस्तक में दिखलाई देता है। इस कृति की रचनाओं में गहराई तक प्रवेश करने की आकुलता और उन्हें समझने की जिज्ञासा विद्यमान है। गहरी अनुभूति और सशक्त अभिव्यक्ति का समन्वय है। सभी रचनाएँ दृष्टिबोध से पूर्ण हैं। कवि अपने समय और समाज पर निगाह बराबर रखते हैं। दूसरी रचनाकार रचना उनियाल ने अपनी कविताओं के माध्यम से कवयित्री स्त्री की एक ऐसी तस्वीर प्रस्तुत की हैं जो हाशिये पर रखी गई स्त्रियों में जागरूकता की चेतना जगाती हैं। वे हाशियों की सीमायें लांघती हुई अपनी चुप्पी तोड़ने लगी हैं। पितृक सत्ता के अंतर्विरोधों को पहचान कर स्त्रियों की स्थिति को सामने रखकर वर्चस्व को चुनौती देते, जागृत होती स्त्री को स्त्री के वास्तविक परिवेश को बड़ी ईमानदारी के साथ चित्रित किया है...कुल मिलकर पुस्तक प्रभावशाली बन पड़ी है ...जो पाठकों को अवश्य ही पसंद आएगी ....
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-929836-9 |
Number of Pages | 120 |
Publication Year | 2020 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-89298-36-9 |
Binding | Paperback |
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