Author : Pradeep Kumar Dash Deepak
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 104Page
Language : Hindi
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‘मान्योशू’ जापानी का सर्वप्रथम कविता संकलन है। इस संकलन में कविताओं के मुख्य तीन रूप ताँका, चोका और सेदोका मिलते हैं। तीसरी-चैथी शताब्दी से आठवीं शताब्दी तक के लगभग 260 कवियों की 4515 कविताएँ इसमें संकलित हैं जिसमें से कुल 61 रचनाएँ ही सेदोका विधा से समाहित हैं। मान्योशू की संकलित काव्य रचनाओं में सादगी के साथ-साथ विषय वैविध्य भी है। इन रचनाओं में एक ओर प्रकृति के प्रति प्रेम, संवेदना, आकर्षण एवं सरल भावनाओं की सहज अभिव्यक्तियां मिलती हैं, तो दूसरी ओर जीवन के प्रति गहरी ललक के साथ बौद्ध दर्शन के प्रभाव भी स्पष्ट परिलक्षित होते हैं। इस प्रकार इस इन्द्रधनुषी संकलन ‘मान्योशू’ में लगभग चार शताब्दी के जापानी समाज की भावनाएँ और आकांक्षाएँ प्रतिबिंबित होती हैं। सेदोका 05/7/07 - 05/07/07 वर्ण क्रम की षट्पदी प्राचीन जापानी काव्य विधा है, इसमें कुल 38 वर्ण होते हैं, जिसमें व्यतिक्रम स्वीकार नहीं होता। इस काव्य के कथ्य कवि की संवेदना से जुड़ कर भाव प्रबलता के साथ प्रस्तुत होने वाली एक प्रसिद्ध काव्य विधा है, जिसके आगमन से निश्चय ही हिंदी काव्य साहित्य की श्रीवृद्धि हुई है ।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-929823-7 |
Number of Pages | 104 |
Publication Year | 2020 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-8929-823-9 |
Binding | hardcover |
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