Author : Dr. Ishwar Chand Gambhir
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 100Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 150
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सन् 2008 में ‘खाईंया कैसे पटेगी’ उनकी पहली पुस्तक मंजरे-आम हुई थी। उसके बाद गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, दोहों आदि कुल मिलाकर यह उनकी इक्सवी पुस्तक है। जो उनके विषय में यह बताने के लिए काफी है कि वह कठिन परिश्रम करने से कतई नहीं घबराते । मैं अपने आपको सौभाग्यशाली समझता हूँ कि अपनी इस पुस्तक की भूमिका लिखने का दायित्व उन्होंने मुझ जैसे अदना व्यक्तित्व को सौंपा है। ‘वर्तमान ग़ज़लें' पुस्तक को बारीकी से पढ़ने के बाद यह ज्ञात हुआ कि गंभीर जी की कलम ने शायद ही कोई ऐसा विषय है जो न छुआ है....नदी, पर्वत, जंगल, सहरा, माँ-बेटा भाई-बहन, सामाजिक व्यवस्था से लेकर दूषित राजनीति तक हर कोने में झाँक-झाँककर उन्होंने शेर निकाले हैं । इसी क्रम में उनका एक शेर आपके समक्ष है- रिश्तों की है नुमाईशें सौदे हैं लाज के...कितने घिनौने हो गए चेहरे समाज के। -सुधीर ‘अनुपम’
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-815503-3 |
Number of Pages | 100 |
Publication Year | 2021 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-88155-03-8 |
Binding | Paperback |
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