Author : Manish Jain 'sagar Indori'
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 152Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 200
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मध्य प्रदेश के जनपद नीमच निवासी होनहार युवा तेजस्वी कलमकार श्री मनीष जैन जो अल्पायु में ही सागर इन्दौरी के नाम से विख्यात हुए, ने अपने जीवन के एक छोटे से पड़ाव में बहुत कुछ कर दिखाया ...पैनी कलम के धनी सागर इन्दौरी की लेखनी से निकला एक एक शब्द...एक एक पंक्ति का कुछ न कुछ अर्थ होता था ...उन्होंने अपने तमाम जीवन में साहित्य सेवा..रचनाधर्मिता का बखूबी निर्वहन किया..इसके साथ साथ सोसल वर्क भी किया और इस बावत अनेक दुर्लभ आलेख लिखे जो इस पुस्तक में भी प्रकाशित हुए हैं ....परिजनों से बेहद लगाव रखने वाले सागर इन्दौरी की रचनाओं में आत्मचिंतन का पुट साफ दिखलाई देता है ..कुल मिलकर इस उत्कृष्ट काव्य कृति में सागर इन्दौरी की विभिन्न बेहतरीन रचनाओं को प्रस्तुत किया गया है जो पाठकों की कसौटी पर अवश्य ही खरा उतरेंगी और गदगद भी करेंगी सीख भी देंगी ....सभी रचनाओं में सागर इन्दौरी ने जैसे गागर में सागर छुपा रखा है जो समाज के उत्थान की ओर आमजन का ध्यान आकृष्ट करती हैं एक दिशा देती महसूस होती हैं ...साथ ही उनके भावुक मन के बहते उदगार भी स्वत: ही प्रस्फुटित हो उठते हैं जिन्हें हम लोग रचना कह रहे हैं ....सागर इन्दौरी की स्मृति को सहेजने का सद्प्रयास करते हुए उनके बड़े भाई संवेदनशील कवि राजेंद्र जैन अयोग्य ने इस पुस्तक के प्रकाशन में अहम् भूमिका निर्वाह की है जिसके लिए उन्हें साधुवाद ...निश्चय ही यह पुस्तक पाठकों को पसंद आयेगी ....और यह प्रयास सार्थक सिद्ध होगा ....
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-81955158-58-4 |
Number of Pages | 152 |
Publication Year | 2021 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-81955158-58-4 |
Binding | Paperback |
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