Author : Dr. Devi Prasad Kunwar Editor
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 170Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 250
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इलाहाबाद निवासी राष्ट्रीय स्तर के बड़े साहित्यकार और लेखक थे डा. विश्वनाथ प्रसाद जी ....उनकी लगभग 20-25 पुस्तकें प्रकाशित और तीन-चार पुस्तकें अभी भी अप्रकाशित हैं। दो दर्जन के आसपास सम्पादित पुस्तकें भी हैं। विश्वनाथ जी के निर्देशन में लगभग 40 पी-एच.डी. के शोध-प्रबन्ध तथा करीब इतने ही लघु प्रबन्धों का लेखन हिन्दी साहित्य के विभिन्न विषयों पर लिखा गया। आपके निर्देशन में नागार्जुन, मुक्तिबोध, भवानी प्रसाद मिश्र, डॉ. शिवप्रसाद सिंह, अमरकान्त, केदारनाथ सिंह, मनु शर्मा, भईया जी बनारसी आदि पर लिखे गये शोध प्रबन्ध एवं लघु प्रबन्ध आज हिन्दी की मानक शोध के रूप में चर्चित हैं। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ. नामवर सिंह, केदारनाथ सिंह, डॉ. शिवप्रसाद सिंह उनके कक्षा के गुरु थे। केदारनाथ सिंह और शिवप्रसाद सिंह का उन पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा। डॉ. नामवर सिंह एम. ए. में लिखे गये उनके लघु प्रबन्ध के निदेशक भी रहे लेकिन कम्युनिस्टों के घनघोर खेमेबाजी के चलते वह नामवर सिंह से बहुत दूर हो गये। दरअसल विश्वनाथ प्रसाद ने अपनी साहित्यिक हैसियत खुद बनाई थी। सही अर्थों में देखा जाये तो उनपर किसी बड़े लेखक का प्रभाव बिल्कुल नहीं था। उन्होंने अपना रास्ता खुद बनाया और उसे तय किया। वह आम आदमी के मुफलिसी के समर्थक होते हए भी कभी किसी पार्टी के कार्डहोल्डर नहीं बने, परन्तु उनके लेखन में लोहिया के विचारों का प्रभाव जबरदस्त दिखाई देता है। उनका कहना था कि आयातित समाजवाद से समाज को आगे नहीं ले जा सकते। ---डाॅ. देवी प्रसाद कुँवर
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-81-95194-20-9 |
Number of Pages | 170 |
Publication Year | 2021 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-81-95194-20-9 |
Binding | Paperback |
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