Author : Pankaj Sharma 'tarun'
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 108Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 150
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मध्य प्रदेश के जिला मंदसौर निवासी विद्वान कवि एवं लेखक श्री पंकज शर्मा ‘तरुण’ की यह तीसरी पुस्तक है जिसे उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है इससे पूर्व व्यंग्य संग्रह छींटाकशी और दोहा सागर प्रकाशित किये गए थे ...पंकज जी की लेखनी निःसन्देह सदैव सत्य उकेरती है फिर चाहे वह गद्य हो या पद्य... दोनों पर ही समान रूप से मजबूत पकड़ रखने वाले भाई पंकज जी की कलम जहां एक तरफ अपने मन के उद्गार व्यक्त करती प्रतीत होती है तो वहीं समाज के सच को उजागर करती कटाक्ष करती उनकी असरदार पैनी लेखनी अपनी विशिष्ट छाप छोड़ती है । जैसे देशहित समाजहित उनके लिए सर्वोपरि है । खूब मनन-चिन्तन कर हृदय की गहराईयों से लिखने वाले पंकज जी संवेदनशील व्यक्तित्व के स्वामी हैं और एक नेक दिल इसान भी । माँ शारदे के आराधक मृदुभाषी, व्यवहार कुशल, पारिवारिक और समाज के प्रति अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन करने वाले पंकज शर्मा ‘तरुण’ जी हँसी-हँसी में बातों ही बातों में गागर में सागर भरते हैं माध्यम चाहे दोहा हो या व्यंग्य..जिसका प्रभाव सीधे मस्तिष्क पर दिखलायी देता है । दोहा छंद पर तो जैसे पंकज जी को महारत हासिल है । उनकी दोहावली का अध्ययन कर पाठक के ज़हन में एक बार तो अवश्य ही कबीरदास जी के दोहो का स्मरण हो आयेगा । इस पुस्तक में भी उनके एक हजार मौलिक दोहे हैं जो समाज को प्रेरित करेंगे और गदगद भी । -प्रकाशक
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-93-89298-77-2 |
Number of Pages | 108 |
Publication Year | 2021 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-89298-77-2 |
Binding | Paperback |
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