Author : Aman Pratap Singh
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 72Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 100
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मऊ (उ.प्र.) निवासी युवा उत्साही लेखक अमन प्रताप सिंह ने प्रेम की पराकाष्ठा को दर्शाती एक लम्बी कथा लिख डाली जिसमें समर्पण-त्याग विरह वेदना और अनूठे प्रेम के किस्से बड़ी ही संजीदगी के साथ प्रस्तुत किये गए हैं .............देखिये भूमिका लिखने वाले विद्वान कलमकार क्या कहते हैं पुस्तक के सन्दर्भ में ........... पीर का प्रणेता............ अनुराग बोध का चित्त में उतरकर आत्म में पसर जाना ही प्रेम है। दैहिक मांसलता से इतर आत्मीय शुद्धता को रोम-रोम में अंगीकार करता ‘अनामिका’ एक ऐसा ही लघु उपन्यास है जो सहज मन के बिम्ब को बरबस निरुपित करता है। इनके न जाने कितने बिम्बों ने मेरे अपने जीवन को सहज रूप में छुआ है। इस तरुण की संवेदना और बिम्ब रीतिकालीन कवियों से सांगोपांग करती नजर आती है। पौराणिक तमसा तट ने कई बार जानकी की पीर को जलते हुए देखा है। उस तट की उपज ‘अमन’ ने आज के संदर्भ में उसी प्रवाहिनी पीर को नव रूप में प्रणित किया है। ‘अनामिका’ लघु उपन्यास ही नहीं अपितु किशोर मन की छलछलाती हुई वेदना का अजस्र उद्गार भी है। देह की परत को खोलने वाले आधुनिक प्रेम से अलग यह कृति युवामन की भावना के साथ सामाजिक ताने-बाने का भारतीय स्वरूप भी चित्रित करता है। लेखक ने इसे बड़ी बारीकी से बुना है। भावनात्मक स्तर पर तरुणाई बहुत ही घातक होती है। उसे प्रवाह न मिला तो वह तट के मान और उसके बिंदु को अस्वीकार्य कर देती है। इसी पीर की उपजी वेदना को इस तरुण मन ने भोगकर जिया है। साहित्य जगत में यह सर्जना कितनी संवृद्धि देगी ये काल के गाल में है पर ‘अमन प्रताप सिंह’ का यह लघु उपन्यास आत्म के विविध प्रकल्प को सहज रूप में बरबस बो देता है। मुझे विश्वास है यह उस प्रवाह को पल-छिन में छू लेगा जो मानव मन को उसके प्रेमी होने का प्रमाण देती है। आने वाले कल में ‘अमन’ साहित्य को लेकर और जीवंत करेंगे, ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है। जलकर, चलकर और मचलकर भी सतत् प्रवाहमान बने रहें। इस उपन्यासिका के प्रति मंगल शुभेच्छा के साथ अमन को मेरी शुभकामना, मेरा शुभाशीष। पुरुषार्थ सिंह, (गीतकार) मऊ, उ.प्र
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-93-91765-54-5 |
Number of Pages | 72 |
Publication Year | 2022 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-91765-54-5 |
Binding | Paperback |
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