Uttkarsh Prakashan

Nav Pallav


Nav Pallav

Nav Pallav (Paperback)

Author : Pankaj Sharma 'tarun'
Publisher : Uttkarsh Prakashan

Length : 120Page
Language : Hindi

List Price: Rs. 250

Discount Price Rs. 225

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पिपलियामंडी जिला मंदसौर (म.प्र.) निवासी विद्वान सहृदय सुकवि/साहित्यकार श्री पंकज शर्मा ने इस पुस्तक में जो भी लिखा सत्य कहा है, शब्दों का जाल बुन अपनी मन की भावनाएं बड़े ही सहज भाव से उकेरी हैं जो रोचक बन पड़ी हैं । छंदों में लिखना आसान नहीं होता। अपनी बात को नपे-तुले शब्दों में मात्राओं का ध्यान रखते हुए कवि व्यक्त करता है जो रोचक भी होनी चाहिए और जिसका अर्थ भी स्पष्ट झलकना चाहिए। इस पुस्तक में कलम के धनी विद्वान कवि श्री पंकज शर्मा ने ऐसा ही लिखा है जो समाज को एक सटीक संदेश देता है । वह कुण्डलिया के रूप में हो, या मुक्तकों के रूप में। दो दो पंक्तियों के दोहों के रूप में कवि ने गागर में सागर भरने का प्रयास किया है जो निःसन्देह सार्थक सिद्ध होता नजर आ रहा है। कवि दोहा लेखन में पूर्ण माहिर हैं और उनकी पहले भी दो पुस्तकें दोहों की उत्कर्ष प्रकाषन द्वारा प्रकाशित हो चुकी हैं। इस पुस्तक की खास बात यह है कि इसमें पाठकों को एक ही स्थान पर दोहों, मुक्तकों, स्वतंत्र दोहे, गीत/भजन/कविता, दोहा ग़ज़ल/ग़ज़ल, ताटंक छंद, लावणी छंद आदि पढ़ने को मिलेंगे जिससे यह काव्य कृति अधिक उपयोगी हो जाती है । कवि ने जो भी लिखा मन से लिखा, बेबाक लिखा और सच को लिखा जो निष्चित ही समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होकर रहेगा, इसमें तनिक भी संदह नहीं है। पारिवारिक जिम्मेदारियों का दायित्व निर्वहन करते हुए श्री पंकज शर्मा ‘तरुण’ हिन्दी साहित्य लेखन को बराबर समय देते रहे हैं और इसी तरह आगे भी देते रहेंगे, बल्कि अब ज्यादा समय दे पायेंगे, क्योंकि अब उनकी सेवानिवृत्ति हो गयी है । बड़े भाई समान पंकज शर्मा जी वन विभाग में सेवारत रहे विभिन्न दूरस्थ स्थानों पर अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहे और फोरेस्ट रेंजर पद से हाल ही में सेवानिवृत्त्त हुए हैं। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं और विश्वास है कि इसी तरह उनकी पुस्तकें निरन्तर प्रकाशित होकर समाज को दिशा प्रदान करने, आमजन का हृदय परिवर्तन करने में सक्षम सिद्ध होती रहेंगी । व्यंग्य संग्रह ‘छींटाकशी’, दोहा संग्रह ‘दोहा सागर’, दोहा संग्रह ‘चांदी के मोती’ के पश्चात्प उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होने वाली यह कवि की चतुर्थ पुस्तक है जिसे पाठकों का प्यार पूर्व की भांति अवश्य मिलेगा और कवि को यश प्रदान करने में सहयोगी बनेगा। कर्म ही पूजा है, इस कथन की पुष्टि करने वाले कलम के सिपाही श्री पंकज शर्मा ‘तरुण’ जी की साहित्य साधना को नमन ।

Specifications of Nav Pallav (Paperback)

BOOK DETAILS

PublisherUttkarsh Prakashan
ISBN-10978-93-91765-01-9
Number of Pages120
Publication Year2023
LanguageHindi
ISBN-13978-93-91765-01-9
BindingPaperback

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