कविता
Poem
Author : Prachi
दुनिया की भीड़ में वह उम्र भर ढूंढता रहा... मगर सुकून उसे अपने घर में ही मिला...
दुनिया की भीड़ में वह उम्र भर ढूंढता रहा... मगर सुकून उसे अपने घर में ही मिला...
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