Author : Dr. Sudhakar Sharma Ashawadi
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 96Page
Language : Hindi
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शिक्षा के क्षेत्र में नित नए प्रयोगों के मध्य जनमानस शिक्षा को सुदृढ़ नींव प्रदान करने वालों तत्वों को समझने का प्रयास नहीं करता। किसी भी क्षेत्र में गतिशीलता का आधार संवाद होता है। संवाद वह जिसके आधार पर व्यक्ति अपनी अभिव्यक्ति प्रदान करता है तथा दूसरों की अभिव्यक्ति से परिचित होता है। आज जब विश्व मानव की कल्पना सार्थक हो गयी है तथा किसी भी राष्ट्र का व्यक्ति शिक्षा एवं रोजगार के लिए विश्व के किसी भी कोने में जा सकता है, तब उसकी समझ का विकास अत्यंत आवश्यक है। समझ ही उसे अनेक परिस्थितियों में स्वयं को समायोजित करना सिखाती है। शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रमों में संवाद की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में देश में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम में भाषा एवं इससे मिलते जुलते पाठ्यक्रम शिक्षक शिक्षा में लागू किये गए हैं। सर्वविदित है कि भाषा एवं समाज एक दूसरे के पूरक हैं। बिना भाषा के समाज की तथा बिना समाज के भाषा की कल्पना नहीं की जा सकती। पाठ्यक्रम की परिधि में जो विषय वस्तु रखी गयी है, वह भाषा के प्रति समर्पित है। भाषा कोई भी हो तथा किसी भी देश की हो। शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रत्येक देश की अपनी भाषा होती है। चूँकि भारतीय विश्वविद्यालयों हेतु इस पुस्तक की रचना की गयी है, सो इस पुस्तक में भारतीय भाषा को ही आधार बनाया गया है। समय परिवर्तन शील है तथा विचार भी देश, काल एवं परिस्थिति के अनुसार परिवर्तनीय हैं। इसलिए किसी भी पुस्तक को स्वयं में पूर्ण कहना उचित नहीं कहा जा सकता। पुस्तक में अनेक विद्वान लेखकों के विचारों सहित स्वयं के चिंतन एवं तर्कों को स्थान दिया गया है। विषयवस्तु को जितना अधिक खंगाला जायेगा, उतना ही चिंतन में विस्तार होगा। ऐसी मेरी मान्यता है। पुस्तक में विषयवस्तु को तर्कसंगत ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, फिर भी नया पाठ्यक्रम होने के कारण अधूरापन प्रतीत हो सकता है। यही अधूरापन गतिशीलता के लिए प्राथमिक शर्त है। जो है जैसा है, आपके सम्मुख है। शेष निर्माण की अवस्था में है। आपके अमूल्य सुझाव इस पुस्तक के भावी संस्करणों को तथ्यपरक एवं सारगर्भित बनाने में मेरा मार्गदर्शन कर सकते हैं। -डाॅ. सुधाकर शर्मा ‘आशावादी’
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-431272-X |
Number of Pages | 96 |
Publication Year | 2016 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-9-38-431272-5 |
Binding | Paperback |
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