Author : Dr. Shikha Kaushik
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 96Page
Language : Hindi
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हिन्दी साहित्य की गद्य-विधा के अंतर्गत कहानी-विधा का महत्व सर्वाधिक रहा है । कारण स्पष्ट है- इस विधा का प्रारम्भ से ही सामान्य जन-जीवन से जुड़ाव । यह कहना भी त्रुटिपूर्ण न होगा कि मूल रूप से हर मानव-जीवन एक कहानी का जीवंत रूप ही हैं, जिसमें किसी कहानी का सुखांत है और किसी का दुखांत, कोई संघर्षों के माध्यम से विजयी होने की प्रेरणा प्रदान करती हंै तो कोई परिस्थितियों के समक्ष घुटने टेक देने की मार्मिक व्यथा को उजागर करती हैं । वास्तव में कहानी साहित्य की वह विधा है, जिससे परिचय हमारा माँ की गोद में ही हो जाता है । हमारे लालन-पालन में ये विधा महती भूमिका निभाती है । हमें महापुरुषों के आदर्श जीवन के उदाहरण कहानी के रूप में सुनाये जाते हैं और उनके अनुसरण के लिए प्रेरित किया जाता है । भारत के महान कहानीकार मुंशी प्रेमचंद ने कहानी के प्रमुख लक्षणों को परिभाषित करते हुए लिखा है- ‘‘कहानी वह ध्रुपद की तान, जिसमें गायक महफिल शुरू होते ही अपनी सम्पूर्ण प्रतिभा दिखा देता है, एक क्षण में चित्त को इतने माधुर्य से परिपूर्ण कर देता है, जितना रात भर गाना सुनने से भी नहीं हो सकता ।’’ निश्चित रूप से हर कहानीकार के लिए ये एक आदर्श स्थापित किया गया है कि वो अपनी कहानी कला के माध्यम से पाठक के हृदय को जीत ले । प्रस्तुत कहानी संग्रह ‘सरनेम गाँधी’ में मैंने भी ये प्रयास किया है कि मेरे द्वारा लिखी गयी हर कहानी पाठक के हृदय-द्वार की कुण्डी को एक बार तो अवश्य ही खटखटाये । मुझे आशा है कि प्रस्तुत कहानी संग्रह की कहानियां आपको न केवल माधुर्य रस प्रदान करेंगी वरन बहुत कुछ सोचने के लिए भी मजबूर करेंगी ।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-728912-5 |
Number of Pages | 96 |
Publication Year | 2017 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-87289-12-3 |
Binding | paperback |
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