Author : Sanjay Kaushik Vigyat
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 120Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 350
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इन दिनों भारत की जनसंख्या सवा सौ करोड़ के पार हो चुकी है, और ई-युग की शुरूआत से साहित्य जगत में नये युग का सूत्रपात हुआ है। नूतन संपर्क माध्यम फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्विटर, ई-मेल तथा अनेकानेक वेबसाइटों के माध्यम से साहित्यिक जागरुकता अभियान चलाये जा रहे हैं। ये अभियान साहित्य के चहुँमुखी विकास में शुभ संकेत हंै। तकनीकी यंत्रों से अपनी यात्रा प्रारम्भ करते हुए अर्णव कलश का साहित्यिक मिशन कलम की सुगंध अपना बड़ा परिवार बनाने में सफल रहा है। समय-समय पर अनेक प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन होता है जिसमें देश-विदेश के अनेक साहित्यकार साहित्य की विविध विधाओं पर अभ्यास कर रहे हैं मौलिक सृजन से नव कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। प्रस्तुत कविता संग्रह ‘सुगंध परिवेश की’ परिवेश को अभिव्यक्त करने का सुन्दर प्रयास है। सुधी कवियों के विचार कलम की सुगंध बनकर युगों-युगों तक महकेगा। ये कालजयी रचनाएं काल सापेक्ष हैं।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-728935-4 |
Number of Pages | 120 |
Publication Year | 2017 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-87289-35-2 |
Binding | hard cover |
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