Author : Dr Rajni Ranjana
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 160Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 300
Selling Price
(Free delivery)
उल्लासित करता परिवेश हो या आहत करता,गरीब की पीड़ा हो या पहाड़ों का दर्द, थोपी रूढ़िवादिता हो या दो समुदायों का भाव बंधन प्रत्येक विषय को डाॅ. रजनी रंजना मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, बौद्धिक, गहन चिंतन और अन्तर्दृष्टि द्वारा अपनी कलम को जीवंत रूप देने में समर्थ हैं। ये कला रजनी जी के गीतों और कहानियों दोनों में मिलती है। जिसका मन काव्यात्मक होगा वो लेखन की प्रत्येक विधा में प्राणप्रण से शक्ति भर अपनी लेखनी से उस सृजन को अद्भुत कर ही देगा । ऐसा लगता है जैसे डाॅ. रजनी की सभी कहानियाँ उनके इर्द-गिर्द या स्वयं के साथ घटी घटनाएँ हैं । जो पाठक को अपनी सी ही महसूस होती हैं। महादात्री, महायज्ञ महादान, अनोखा बंधन कहानियाँ किसी का भी अंतस झकझोर आँखों के रास्ते अपनी मनोदशा व्यक्त करने की सामथ्र्य रखती हैं। ये कहानियाँ रजनी रंजना जी की अन्तश्चेतना की दूरबीन हैं । -आदर्शिनी श्रीवास्तव
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-728978-8 |
Number of Pages | 160 |
Publication Year | 2018 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-87289-78-9 |
Binding | paperback |
© Copyrights 2013-2025. All Rights Reserved Uttkarsh Prakashan
Designed By: Uttkarsh Prakashan