Author : Sushil Sharma
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 96Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 150
Selling Price
(Free delivery)
छन्द की प्रथम चर्चा ऋग्वेद में हुई है। यदि गद्य का नियामक व्याकरण है, तो कविता का छन्दशास्त्र। छन्द पद्य की रचना का मानक है और इसी के अनुसार पद्य की सृष्टि होती है। पद्यरचना का समुचित ज्ञान ‘छन्दशास्त्र’का अध्ययन किये बिना नहीं होता। छन्द हृदय की सौन्दर्यभावना जागरित करते है। छन्दोबद्ध कथन में एक विचित्र प्रकार का आह्लाद रहता है, जो आप ही जगता है। तुक छन्द का प्राण है- यही हमारी आनन्द-भावना को प्रेरित करती है।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 9-38-815543-2 |
Number of Pages | 96 |
Publication Year | 2018 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-88155-43-4 |
Binding | hard cover |
© Copyrights 2013-2025. All Rights Reserved Uttkarsh Prakashan
Designed By: Uttkarsh Prakashan