Author : Ravi Sharma Advocat
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 16Page
Language : Hindi
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यह बात तो भारत ही क्या भारत से बाहर के देशों मे भी विख्यात है कि भारत एक त्योहारों और खुशियों का देश है, भारत में वर्ष में शायद कोई भी दिन ऐसा हो, जिस दिन भारत के किसी कोने में कोई न कोई त्योहार न हो। कुछ त्योहार जैसे होली, दीपावली, ईद, लोहिड़ी, क्रिसमस, राम नवमी, कृष्ण जन्माष्टमी आदि की गणना प्रमुख त्योहारों मे होती है। वहीं पर कुछ त्योहार ऐसे भी होते हैं जो समुदाय विशेष या क्षेत्र विशेष में अधिक प्रचलित होते हैं। जैसे तमिलनाडु का पोंगल और केरल का ओड़म आदि। इसी तरह से किन्नर समुदाय द्वारा कोवगम (तमिलनाडु) में मनाया जाने वाला त्योहार, कामाख्या जी (असम) में तांत्रिक समुदाय का लगाने वाला अबंवुाची मेला एक विशेष समदुाय के त्याहेारों के स्पष्ट उदाहरण है त्योहारों की बात हो और ब्रज का नाम न आए ऐसा तो शायद ही सम्भव हो। ब्रज क्षेत्र के नागरिक तो स्वभाव से ही हँसमुख होते हैं। उन्हें देखकर तो ऐसा लगता है कि जैसे दुख क्या है वो जानते ही नहीं। किन्तु सत्य यह है कि दुख और सुख हर जगह विद्धमान हैं। ब्रज के लोग खुश रहने के छोटे से छोटे अव्यव को भी नहीं छोड़ते और फिर यदि कोई कहानी, कथानक, लीला आदि उनके प्रिय इष्ट कान्हा, कन्हैया, नंदलाल से जुड़ी हो तो वो भला उसको कैसे छोड़ सकते हैं। ऐसी ही कुछ कहानियों, कथानकों से निर्मित है ‘टेसू और झेंझी’ के विवाह का त्योहार। टेसू और झेंझी के विवाह की अलग-अलग क्षेत्रो में अलग-अलग कहानियाँ प्रचलित है, जिसकी चर्चा हम अगले अध्याय में करेंगे किन्तु रीतियाँ हर क्षेत्र में एक समान हैं। कहने को तो टेसू और झेंझी के विवाह के इस त्योहार को किशोर और किशोरियों के उत्सव के रूप मे देखा जाता है किन्तु जिस क्षेत्र मे इसे मनाया जाता है, वहाँ के सभी नागरिक, बच्चे, बूढ़े और जवान समान रूप से शामिल होते हैं। अंतर बस इतना है कि कोई कम समय देता है कोई अधिक। यह त्योहार वैसे तो ब्रज का ही मुख्य त्योहार है किन्तु ब्रज क्षेत्र ने धीरे-धीरे इसकी भव्यता खो दी है। धन्य है बुंदेलखंड और इटावा की वह धरती जिसने आज भी इस त्योहार को विरासत के रूप में सँभाल कर रखा है। समय के साथ-साथ शहरी क्षेत्र तो इस त्योहार को लगभग भूल ही गया है किन्तु बुंदेलखंड के गांवों में रक्षावंधन के बाद से ही टेसू और झेंझी के गीत के स्वर गूंजने लगते हैं। बेटियाँ झेंझी और बेटे टेसू की तैयारी करने लगते हैं। -पं. रवि शर्मा एडवोकेट, कानपुर, उत्तर प्रदेश
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 8-19-519421-4 |
Number of Pages | 16 |
Publication Year | 2021 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-81-95194-21-6 |
Binding | Paperback |
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