Author : Sarita Singh
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 96Page
Language : Hindi
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जमशेदपुर (झारखण्ड) निवासी सादगीपूर्ण कवयित्री सरिता सिंह ने इस पुस्तक में अपनी भावाभिव्यक्ति बहुत ही सहज सरल ढंग से प्रस्तुत की है ....उनके इस प्रथम कविता संग्रह को नारी जीवन की जीवंत संवेदनाओं की भावप्रवण अभिव्यक्ति कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी । नारी जीवन सहज नहीं होता अक्सर जिम्मेदारी के बोझ तले एक स्त्री की प्रतिभा अप्रभ हो जाती है। चेतन मन अवश्य अपनी गृहस्थी को देख आनंदित होता है परन्तु भीतर-भीतर एक नदी सूखती जाती है स्त्री के अंतर्मन में। सरिता जी ने जीवन के तमाम उतार चढ़ाव को शब्दों के अलंकरण का जामा इतनी सूक्ष्मता से पहनाया है कि वस्तुतः हर स्त्री इनकी कविताओं में कहीं न कहीं अपनी जीवन यात्रा देख पायेगी ।.....सरिता जी की कविताओं में बार-बार अपने वजूद की तलाश की बातें दिखती हैं जिनमें एक रूहानी बेचैनी स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। इन कविताओं को भारतीय समाज में अपना वजूद तलाशती स्त्रियों की आवाज कहा जा सकता है । हमारे पितृसत्तात्मक समाज में स्त्री की पहचान तमाम रिश्तों के नामों की प्रतिबिम्ब बन कर रह जाती है जिसे सीधे तौर पर एक स्त्री मन कभी नहीं स्वीकारता । इस अकुलाहट, इस तड़पन की सुन्दर अभिव्यक्ति वजूद एवं कई अन्य कविताओं में हुई है। ...वहीं अपने दुनिया-जहां को संजोता उनका भावुक सा स्त्री मन भी कई जगह कई कविताओं में छलका है । कभी अपने घर संसार, बच्चों पर न्योछावर और मुग्ध होती तो कभी जीवन साथी से अपेक्षायें रखती नारी की ‘स्त्री गंध’ की भी कई कविताएँ हैं ।
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-81-95158-59-1 |
Number of Pages | 96 |
Publication Year | 2021 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-81-95158-59-1 |
Binding | Paperback |
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