Author : Suresh Mandal
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 192Page
Language : Hindi
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उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पूर्णिया (बिहार) निवासी पूर्णिया डिग्री कालेज में एसोसिएट प्रोफ़ेसर एवं सह-रजिस्ट्रार, सहज-सरल मृदुभाषी सहयोगी प्रवृत्ति के प्रबुद्ध साहित्यकार कविवर श्री सुरेश मंडल की दूसरी काव्य कृति ‘तृषित हृदय’ भावना प्रधान रचनाओं का अनूठा काव्य संग्रह है जिसमें कविमन की अनुभूति और विरह-वेदना के शब्द जीवंत हो उठते हैं। दिल को छू जाने वाली इन रचनाओं में मानवीय संवेदना निहित है, मानवीय संदेश छुपा है, साथ ही अपने भाव सृजित कर कवि ने मानव मन की व्यथा को काव्यमाला में पिरोया है। .............................................................................................................कवि की कलम से ............................................. अब तक की जीवन-यात्रा में मेरा कवि मन पंछी की तरह कभी कल्पना के गगन में उन्मुक्त परवाज़ करता रहा है, तो कभी मीन की भाँति अतीत के असीम सागर को अवगाहता रहा है। कभी जगत-यथार्थ की पथरीली भूमि पर विवश हो चलते-चलते लहू-लुहान होकर चीख उठा, तो कभी मानवता के सुरम्य उपवन में पहुँच रससिक्त होता रहा। कहीं पनाह पाया मैंने, तो कभी दुत्कारा भी गया मुझे। कभी मैं उपेक्षित हुआ, तो कहीं सराहना भी मिली मुझे। कुछ शब्दों में कहूँ, तो सच यही है कि समय से दुलार कम और मार अधिक मिली। नानाविध समस्याओं के सागर और अनवरत संघर्षों के धरातल पर जो भावनाओं के मोती हाथ लगे, उन्हें ही छंदबद्ध और अतुकान्त रचनाओं का स्वरूप देने का सतत् यत्न करता रहा। निःसंदेह इनमें कहीं-कहीं रुक्षता परिलक्षित हो सकती है, पर है तो यह भाव-रस का कलश ही। ------------------------सुरेश मंडल
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-81-95194-29-2 |
Number of Pages | 192 |
Publication Year | 2021 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-81-95194-29-2 |
Binding | Paperback |
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