Uttkarsh Prakashan

Jo Mai Aisa Janti


Jo Mai Aisa Janti

Jo Mai Aisa Janti (Paperback )

Author : Dolly Parihar
Publisher : Uttkarsh Prakashan

Length : 96Page
Language : Hindi

List Price: Rs. 200

Discount Price Rs. 180

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जमशेदपुर (झारखण्ड) निवासी प्रतिभा संपन्न कवयित्री डॉली परिहार के अंतर्मन की व्यथा-कथा कहती इस पुस्तक में जहाँ एक ओर सामाजिक विसंगतियों के चलते हताश निराश मन की पीड़ा स्वत: ही प्रस्फुटित हो उठती, वहीँ एक बहादुर लड़की के अदम्य साहस और जीवन जीने के तौर तरीकों से समाज को इक रौशनी मिलने की सम्भावना को बल मिलता है ...नि:संदेह जन समुदाय को इससे कुछ तो सीख मिल कर रहेगी ...सभी रचनाएँ जैसे उनके मन की बातें ही हैं जिन्हें रोचक बनाकर प्रस्तुत किया गया है...................""जब मन नही बहलता, अकुलाता है भावनाएं उछल कूद मचाती हैं तो कलम अपने आप ही कागज पर चलने लग जाती है जिसे लोग कविता कह देते हैं ...........""........ठीक उसी प्रकार डॉली परिहार की क्षणिकाएं भी उनके मन की अभिव्यक्ति ही है जिन्हें समाज कविता का नाम देता है ....उनकी शुभ चिन्तक एक बेहतरीन कवयित्री डा. कल्याणी कबीर ने उनके विषय में कुछ लिखा है देखिये.........................................डॉली परिहार मन के समंदर में संवेदनाओं के अनमोल रत्न छुपे होते हैं। प्रेम, उलझन, उम्मीद उसके आंचल में चांद-तारों की तरह नजर आते हैं जिसमें उनके जीवन का आकाश झिलमिलाता रहता है। डाॅली परिहार की कविताओं में भी मन के कई कपाट खुलते और बंद होते हैं और इन सभी के बीच भी कवयित्री का जीवन अपने उत्कर्ष की तरफ बढ़ता रहता है। सशक्त रचनाकार डाॅली परिहार के शब्दकोश में पराजय और विराम जैसा कोई शब्द आपको दूर-दूर तक नजर नहीं आएगा। वह एक नदी की तरह है जो प्रवाहित होती रहती है या होना चाहती है। राहों में आए विषम परिस्थितियों को अंगूठा दिखाकर सामथ्र्य की नई परिभाषा का नाम है कवयित्री डाॅली परिहार। जिजीविषा का एक चेहरा और जीवंतता की एक अद्भुत मिसाल है उनकी लेखनी। उनकी लिखी पंक्तियाँ इस बात का पुरजोर समर्थन करती हैं कि प्रेम कोई कोरी भावुकता का विषय नहीं बल्कि यथार्थ और व्यवहारिकता के धरातल पर उपजे एक विचार की तरह है। अपने कोमलतम क्षणों में भी आज के युग का प्रेम बौद्धिकता की उपस्थिति मांगता है। उनकी कविताओं में यह साफ झलकता है कि जीवन में सबसे सुंदर कुछ है तो वह स्वयं जीवन है और कुछ नहीं। महज घर बदलने की एक सामान्य सी घटना को ये इतनी संवेदनशीलता के साथ वर्णित करती हैं कि कलेजा मुंह को आ जाता है- इतने सहज सरल और भोलेपन में इतने गंभीर प्रश्न पूछने का साहस डाॅली ही कर सकती हैं। प्रेम की राह में फैली इस निराशा और असहाय अवस्था को भी बड़े ही निर्विकार भाव से स्वीकार करने का माद्दा रखती है डाॅली परिहार की लेखनी। ......डॉ.कल्याणी कबीर

Specifications of Jo Mai Aisa Janti (Paperback )

BOOK DETAILS

PublisherUttkarsh Prakashan
ISBN-10978-93-91765-38-5
Number of Pages96
Publication Year2022
LanguageHindi
ISBN-13978-93-91765-38-5
BindingPaperback

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