Author : Aditya Surendranath Tikku
Publisher : Uttkarsh Prakashan
Length : 96Page
Language : Hindi
List Price: Rs. 150
Selling Price
(Free delivery)
जयपुर के मूल निवासी.. मुंबई में कार्यरत.. पत्रकारिता में निपुण कई दशकों से सक्रिय विद्वान लेखक एवं पत्रकार श्री आदित्य तिक्कू ने विगत कई वर्षो में पत्रकारिता में जैसा अनुभव किया राजनीति में जो जो महसूस किया उसे आलेख बनाकर समाज के समक्ष प्रस्तुत करते हुए समाज को सच्चाई से अवगत कराया जिसे हमने पुस्तक के शक्ल दी.... यानि यह पुस्तक है आदित्य तिक्कू जी का इक दृष्टिकोण..... राजनीति और कूटराजनीति में फर्क महसूस करने वाले, देशहित में समाज को दिशा देने वाले लेखनी के धनी एनेलिस्ट श्री आदित्य सुरेन्द्रनाथ टिक्कू ने जिस तरह से इस पुस्तक में अपने दुर्लभ आलेखों के माध्यम से तत्कालीन समसामयिक राजनीतिक विश्लेषण किया है वह तारीफ के काबिल है, लगता है कि एक सच्चे समाज हितैषी ने भिन्न-भिन्न मुद्दों पर विषयों पर अपनी कलम चलायी है और जनसमुदाय को सच्चाई से अवगत कराने की पूर्ण चेष्टा की है। जिसमें वह सफल होते भी नजर आ रहे हैं। निःसन्देह ये आलेख जन-सामान्य के समक्ष एक आइना हैं जो समाज को समाज के कर्णधार नेताओं की सच्ची तस्वीर पेश करता है। मैंने पाण्डुलिपि की पीडीएफ को बड़े ही गौर से देखा पढ़ा और कई दिन लग गये तब पुस्तक के बारे में लिखने का साहस कर पाया। सभी आलेख बड़े ही चिन्तन मनन के आधार पर लिखे गये हैं जो लेखक के बुद्धिजीवी होने का भी संकेत देते हैं और जनहित में लोगों को उनकी चेतना जाग्रत करते हुए भावुकता से उभारते हुए सच्चाई से अवगत कराते हैं। इस पुस्तक में सबसे बड़ी बात यह लगी कि किसी भी लेख में लेखक ने किसी भी व्यक्ति विशेष या राजनैतिक दल की लेशमात्र भी कोई तरफदारी नहीं की। यह बहुत बड़ी बात है। जैसा की आज के दौर में हम देख रहे हैं कि पत्रकारिता भी बिकाऊ होती जा रही है। टी0वी चैनल भी इक्का दुक्का ही हैं जो सही सच्ची खबरे पेश करते हैं अन्यथा तो सभी किसी न किसी राजनैतिक दल की महिमा मंडन करते ही नजर आते हैं। कोई चैनल इधर उधर की गा-गाकर घूमफिर कर भाजपा की गोद में जा बैठता है तो कोई कांगेस के पल्लू में, या कि क्षेत्रीय दलों की झूठी प्रशंसा में लिप्त पाये जाते हैं। इस तरह की खबरे दिखाने अथवा लिखने वाले पत्रकार बंधु या टी0वी0 चैनल का अस्तित्व समाज के लिए बड़ा ही घातक है यद्यपि आखिरकार लोगों की समझ में आ ही जाता है कि ये समाचार एकतरफा हैं और काल्पनिक प्रशंसा की महिमा से मंडित हैं। मगर भोले-भाले लोग खासतौर पर देहात के सीधे-साधे लोग इसकी चपेट में आकर कई बार अपने मन में गलत धारणा पाल लेते हैं जो अन्ततः समाजहित में हानि पहुंचाता है, देश को पीछे धकेल देता है। इस मामले में निष्पक्ष पत्रकारिता का जैसे नमूना पेश किया है आदित्य जी ने, जो सराहनीय है, बेहद प्रशंसनीय है। मैंने लगभग सभी आलेखों पर नजर दौड़ाई और कमियां निकालने का प्रयत्न किया क्योंकि निंदक भी सच्चा हितैषी होता है। किन्तु किसी भी आलेख में कोई दुर्भावना नजर नहीं आयी। वरन आलेखों में पारखी नजर और निष्पक्ष तेज झलका जो विभिन्न ताने-बाने बुनता हुआ समाज को दिशा देता नजर आया। ऐसे ही लोगों की आज आवश्यकता है जो देश समाज की सच्ची तस्वीर जन-सामान्य के समक्ष प्रस्तुत करें। कुल मिलाकर यह अनूठा आलेख संग्रह ‘दृष्टिकोण-2’ समसामयिक विश्लेषण है, समाज का लेखा-जोखा है जिसमें एक तरफ लोगों को समाज की सच्ची तस्वीर देखने को मिलती है, दुर्लभ जानकारियां मिलती हैं, ज्ञान मिलता है, वहीं कूटराजनेताओं की पोल-पट्टी भी खुलती है, उनकी करनी-कथनी में अन्तर नजर आने लगता है। यह पुस्तक जहां एक तरफ त्रिनेत्र की भांति आमलोगों की आँखें खोलती हुए उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक ज्ञान प्रदान करती है, वहीं लेखक को गुणी बुद्धिजीवी साबित करती है। इसलिए निःसन्देह यह पुस्तक जनहित में सार्थक सिद्ध होते हुए जन-सामान्य को लाभान्वित करेगी। मेरी हार्दिक शुभकामनाएं कि यह पुस्तक हिन्दी साहित्य के निष्पक्ष आलेख पटल पर अपना स्थान निश्चित करे और लेखक को यश प्रदान करे, सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ें और समाज का भला करे। ......धीरज कुमार शर्मा / लेखक व फिल्म निर्देशक
BOOK DETAILS
Publisher | Uttkarsh Prakashan |
ISBN-10 | 978-93-91765-81-1 |
Number of Pages | 96 |
Publication Year | 2023 |
Language | Hindi |
ISBN-13 | 978-93-91765-81-1 |
Binding | Paperback |
© Copyrights 2013-2025. All Rights Reserved Uttkarsh Prakashan
Designed By: Uttkarsh Prakashan