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कविता

Category : Poetry
Author : Harsh sharma
Harsh sharma

जब मन नहीं बहलता अकुलाता है भावनाएं उछल कूद मचाती है संभावनाओं का आकाश छूट रहा होता है तब कलम खुद-ब-खुद लिखने लग जाती है पंक्तियां बनने लग जाती है जिन्हें लोग कविता कह देते हैं

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