जब मन नहीं बहलता अकुलाता है भावनाएं उछल कूद मचाती है संभावनाओं का आकाश छूट रहा होता है तब कलम खुद-ब-खुद लिखने लग जाती है पंक्तियां बनने लग जाती है जिन्हें लोग कविता कह देते हैं
© Copyrights 2013-2024. All Rights Reserved Uttkarsh Prakashan
Designed By: Uttkarsh Prakashan